मिर्गी / एपिलेप्सी को हराने के लिए ज़रूरी है इसे समझना...
मिर्गी एक ऐसी स्तिथि है जिसमे दिमाग के सामान्य कार्य में अचानक असंतुलन आ जाता है। इस कारण शरीर की तंत्रिकाओं (nerves) में दिमाग से गलत संदेश चला जाता है जिसकी वजह से शरीर असामान्य रूप से व्यव्हार करता है ।
#दौरे के संकेत और लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
· टेम्परेरी कन्फ्यूजन (Temporary Confusion)
· हाथ और पैर को बेकाबू होकर मरोड़ना।
· होश गुमना
· मानसिक परेशानी
· मांसपेशियों में अकड़न

आपको डॉ. से कब मिलना है ?
· दौरा पांच मिनट से ज्यादा समय तक रहता है।
· दौरा बंद होने के बाद श्वास या होश नहीं आता है।
· एक दूसरा दौरा तुरंत आता है। आपको तेज फीवर है।
· आप गर्मी की थकावट का अनुभव कर रहे हैं।
· आप प्रेग्नेंट हैं |
· आपको डायबिटीज है |
· आपने दौरे के दौरान खुद को घायल कर लिया है |
#कुछ फैक्टर से एपिलेप्सी का खतरा बढ़ सकता है:
· उम्र
· फैमिली हिस्ट्री
· सिर की चोट
· स्ट्रोक और वैस्क्युलर बीमारी
· पागलपन
· ब्रेन इंफेक्शन
· बचपन में दौरे पड़ना
जहां तक मिर्गी का सवाल है, तो निदान एक मुद्दा है. बहुत सी गलत धारणाएं इसके साथ जुड़ी है जिसमें सामाजिक-सांस्कृतिक मुद्दे या टैबू/मिथक शामिल हैं. कई बार स्थिति का सही मेडिकल निदान नहीं किया जाता है जिससे गलत या देरी से इलाज जैसी समस्या खड़ी हो जाती है.
मिर्गी एक आम समस्या है जिसे व्यापक रूप से पहचानने के बावजूद अक्सर सही तरीके से न तो समझा जाता है और न ही सही इलाज किया जाता है. मिर्गी से पीड़ित लोग स्वास्थ्य और सामाजिक भेदभाव का अनुभव करते हैं | इसलिए आप यदि ऊपर दिए गए किसी लक्षण को कभी महसूस करे या आपके आस पास किसी व्यक्ति में देखे तो तुरंत किसी न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करे |